Stories Of Premchand
27: प्रेमचंद की कहानी "वज्रपात" Premchand Story "Vajrapaat"
- Autor: Vários
- Narrador: Vários
- Editor: Podcast
- Duración: 0:22:14
- Mas informaciones
Informações:
Sinopsis
दिल्ली का ख़ज़ाना लुट रहा है। शाही महल पर पहरा है। कोई अंदर से बाहर या बाहर से अंदर आ-जा नहीं सकता। बेगमें भी अपने महलों से बाहर बाग़ में निकलने की हिम्मत नहीं कर सकतीं। महज ख़ज़ाने पर ही आफत नहीं आयी हुई है, सोने-चाँदी के बरतनों, बेशकीमत तसवीरों और आराइश की अन्य सामग्रियों पर भी हाथ साफ़ किया जा रहा है। नादिरशाह तख्त पर बैठा हुआ हीरे और जवाहरात के ढेरों को गौर से देख रहा है; पर वह चीज़ नजर नहीं आती, जिसके लिए मुद्दत से उसका चित्त लालायित हो रहा था।